आपको घर खरीदना चाहिये या RENT पर लेना चाहिए,Should you Rent or Buy a House?

आपको घर खरीदना चाहिये या  RENT पर लेना चाहिए। ...??

Should you Rent or Buy a House?
आपको घर खरीदना चाहिये या  RENT पर लेना चाहिए। ...??
.

 नमस्कार दोस्तों आज हम बात करेंगे अपने सपनों के घर के बारे में की आपको घर BUY करना चाहिए या उसको RENT पर लें....
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की आप कौन और क्या करते है बैसे तो हर कोई चाहता हैं की उसके पास एक घर होना चाहिए लेकिन वह यह नहीं समझ पता की उसको घर ख़रीद लेना चाहिए या उसको किसी किराये के घर पर रहना चाहिए।  
तो दिमाग़ आता है की किराये के घर में रहना बहुत समस्या होती हैं , और क्या घर खरीदना ही इस समस्या का Solutions हैं , तो इन्ही में से आपको कुछ सवालों के जवाब देने की कोशिश करता हू। ... 

किराये की जगह के साथ समस्या :-

देखिए जो किराये की जगह होती है उसमे कुछ समस्याएँ तो होती हैं जैसे की उस Space का जो अपने RENT पर लिया हैं उसका किराया हमेशा एक जैसा नहीं रहता हैं , और ज्यादातर जगहों पर हर 11 महीनो में किराया बढ़ जाता हैं , घर का मालिक परेशान हो सकता है और हमेशा आपके सिर पर रहता हैं , और जो आप एक महीने का किरया देते वो आपके जीवन में उस रहने की जगह के आलावा कुछ नहीं होता हैं।  इससे लोगो को अपने Persnol Space के बारे में सोचना पड़ता हैं 

Persnol Space के साथ समस्या :-

अगर हम अपनी बात करे तो इंडिया में ज्यादातर लोग घर खरीदना का सबसे बड़ा कारण उनकी भावनाओं होती हैं और इस कारन बो घर खरीदते है और वो अपनी EMI की कैलकुलेशन नहीं करते है जो उनके वर्तमान किराये के लगभग 2.33 गुना हैं जब हम घर खरीदते हैं  तो हमको लोन लेते समय लगभग २०%की DownPayment की आवश्यकता होती हैं इसीलिए लोगो को आने वाले वर्षो के लिए अपने वर्तमान जीवनशैली को छोड़ने के लिए रेडडी होना चाहिए , और इसके आलावा अगर आप एक किफायती घर लेना चाहते तो आपको स्थान और नए घर की सरचना पर आपको समझौता करना पड़ेगा। 
क्या सही हैं ? किराये पर लिया गया स्थान या व्यक्तिगत स्थान दोनों के अपने आर्थिक निहितार्थ हैं यह आपकी समझ को बढ़एगी की आपके लिए क्या बेहतर हैं। .

एक घर खरीदने की लागत:-

यहा पर आपको एक घर खरीदने की लगत का एक Example के माध्यम से समझने की कोशिश कर रहा हु.
मान लीजिये की एक घर की लागत करीब 50 लाख रुपया है और मान ले की आप यह पर अगले बीस सालो तक रहेंगे। अगर आप यह घर खरीदना चाहते तो आपको लगभग 35000 EMI के रूप में देना होगा। और आपको 50 लाख का २०% DownPayment भी जमा करना होगा जो की १०लाख हैं DownPayment आपके द्वारा किये गए अपफ्रंट भुगतान हैं और बाकि शेष बैंक के द्वारा लोन के माध्यम से किया जाता हैं हालाँकि होम लोन को चुकाने के लिए आपको इन्कमटैक्स में लाभ मिलता है चुकाए गए व्याज में आपको 2 लाख तक की छूट मिलती हैं इन्कमटैक्स में दी गयी अधिकतम मूलराशि पर छूट धारा 80C के तहत 1.5 लाख है यह मानते हुए की व्यक्ति की प्रतिवर्ष की आय 10 लाख से ऊपर कमा रहा हैं , तो वह कर के रूप में 30 % आय का भुगतान करता हैं और बचया गया कर 12 लाख हैं २० % टैक्स Slab में किसी के लिए बचाये गए कर का लगभग ९ लाख होगा

एक किराये का घर लेने की लागत :-

यदि आप इस स्थान को किराये पर देना चाहते हैं  तो आपको प्रति माह 15000 देना होगा।  इस स्थिति में आप प्रतिमाह २०००० और एक 10lakh बचाते है जो अपने DownPayment में दिया होगा।  
किरया प्रतिवर्ष 8 % के मानक के हिसाब से बढ़ता हैं तो जो 15000 का किरया 20 वर्षो में 65000 का हो जायेगा इसीलिए आप किराये और होने बलि emi के बीच के अंतर् को बचा सकते हैं और एक Mutaul Fund SIP में निवेश कर सकते हैं। 
चूंकि किरया 8 % प्रतिवर्ष की दर से बढ़ता हैं आप केबल 11 वर्षो तक ही किरया बचा पाएंगे (यदि किरया 8% प्रतिवर्ष के मानक से बढ़ता हैं तो हर साल चुकया जाने बाला किरया EMI से अधिक होगा ) अगर 11 साल की बचत से SIP 14 % Return देता है तो बीस साल के अंत आपका Curpus 1.3 करोड़ होगा।

अगर मान ले की आपका जो DownPayment 10 लाख और उसको LumSum इन्वेस्ट किया गया और उसमे सालाना 12 % Return मिलता है तो आपका बीस साल के अंत में यह करीब 1 करोड़ होगा और बीस साल के बाद आपके पास कुल राशि 2.3 करोड़ होगी।

क्या वह घर खरीदना महंगा है?.

अब यह पर पकड़े है। अपने घर खरीद लिया और यह एक निश्चित मूल्य रखता हैं और वास्तव में यह मूल्य समय के साथ सरहना भी करेगा। और यह मानते हुए की सम्पति 50 लाख की हैं और यह प्रतिवर्ष 10 % की दर से बढ़ रही हैं तो सम्पति का मूल्य 3.36 करोड़ है जो किरायेदारों को आधे से हरा देती हैं अगर होमलोन का भुगतान करते समय अपने जो कर बचत की अगर उसको जोड़े तो यह लगभग 3.5 करोड़ हो जाती हैं इसके आलावा लोग किराये पर लेंगे। हमने मान लिया की उनके द्वारा सभी पैसो का निवेश किया गया। यह कोई यथार्थवादी मामला नहीं है। वास्तव में घर खरीदना आपको EMI का भुगतान करने मजबूर करता हैं, तो यह एक मजबूर बचत हैं किराये पर लेने बाले लोगो के विपरीत व्यव्हार करेगा।

क्या घर खरीदना एक सबसे अच्छा विकल्प है??

मै घर जुडी कुछ चीजे सामने रखूँगा और आपको तय करना होगा , सबसे पहले जो हमने मन वो बीस साल की अवधि है इससे घर खरदिने के बजाय घर किराये पर लेना अच्छा होगा। अगर आपको किराये पर Flexible नहीं हैं तो आपको अगर दीर्घकालीन अवधि के लिए एक जगह पर रहना है तो आपको घर खरीद लेना चाहिए।

और यदि अपने वहा पर बसने का इरादा है तो आपको जल्द ही घर खरीद लेना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके downpayment बचाने की कोशिश करे अन्यथा प्रॉपर्टी की दरें बढ़ जाएँगी।

हमारी चर्चा सिर्फ एक घर तक रही हमने विचार नहीं किया की एक स्टैंडअलोन बंगला या अपार्टमेंट हैं स्टैंडअलोन बंगला में एक बढ़ती कीमत दिखाई देगी ऐसा इसीलिए है क्युकी एक सामन्य परिदृश्य में समय के साथ मूल्य सरहाना करता हैं तब निर्मित माकन का मूल्य किसी मामले में बहुत काम सकता हैं

इसके बाबजूद अपार्टमेंट में अलग Happiness होगी। क्युकी उसका मान बहुत होता है क्युकी उसकी उस स्थान के मूल्य की सराहना होती है और दूसरी और निर्माण पुराण हो जाता और इसके मूल्य को निचे धकेलता हैं अपार्टमेंट के मालिक के पास केबल अपने स्थान होता हैं नाकि उस जमीन का। इसीलिए अंतिम कीमत कही बीच होती हैं 15-20 वर्षो की अवधि में अपार्टमेंट की कीमत अपने चरम पर पहुँच जाती हैं और वहा से यह समतल हो जाती हैं और अंत में कोई फर्क नहीं पड़ता हैं की आज आपके घर की कीमत क्या हैं और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की आप इसको नहीं बेंचते। हालाँकि 50 लाख का घर बीस साल बाद 3.5 करोड़ का जाता हैं लेकिन उसमे से आपको मिलेगा तब जब आप उस घर को बेंचते हैं शायद कभी ही किया जाता हो की जिस घर में आप 20 साल से अपने परिवार के साथ ख़ुशी से रहते हो। और उसको आप बेचना चाहें।

फिर जीत किसकी 

यह चर्चा का मत्वपूर्ण निष्कर्ष है अगर घर खरीदे और आपको लम्बे समय तक रहना हैं  (कम से कम 10 साल ) तो इसको किराये पर ले और इसका सबसे अधिक निवेश करे  , हालाँकि सम्पति का मूल्य सरहना करता हैं और दरे कई कारकों पर निर्भर करती है हम बस कुछ चीजों को सामन्य कर सकते हैं  भूमि के मामले में यह आपके जीवन पर सरहाना करेगा , और अपार्टमेंट के मामले में विकास का जमीन से कोई मुकबला नहीं होगा और यह लम्बी अवधि में फ्लैट हो जायेगा। 
केबल एक चीज जिसकी ध्यान से गड़ना करनी चाहिए वह हैं  EMI जिसे वे बर्दास्त कर सकते हैं  यह एक स्टैंडअलोन अपार्टमेंट हो सकता हैं  और यह एक स्वस्थ अनुपात है यदि आपकी EMI आपकी कुल बचत का 30% हैं  तो इसीलिए आपको इस सीमा में रहने का प्रयास करना चाहिए। 

भारत में लोग वित्तीय निर्णय भावनात्मक रूप से लेते हैं , यह टुकड़ा आपको आपकी भावनाओ पर हावी होने से रोकने की कोशिश करता है।  
धन्यवाद 
आपको हमारा लेख कैसा लगा आप हमको कमेंट करके जरूर बातये तथा इसको आप अपने दोस्तों और रिस्तेदारो के साथ SHARE भी जरूर करें। 

Comments

Popular Posts